लेखनी प्रतियोगिता -05-Sep-2022 - शिक्षक
प्रथम नमन माता पिता को,
दूजा नमन करूं गुरु को।
शिक्षक का करती सम्मान,
उनसे ही बढ़ती मेरी शान।
परिश्रम शिक्षक कितनी करते,
फिर भी हमको सदा अखरते।
डांट उनकी तब समझ न आती थीं,
उम्र थी कच्ची सीख नहीं भाती थी।
भाग्य हमारा जब वह रच रहे थे,
हम उनको व खुद को छल रहे थे।
आज जब हुए थोड़े बड़े तो समझ आया,
शिक्षक ने ही हमें काबिल बनाया।
ज्ञान की ज्योति जलाता है शिक्षक,
इंसानियत का निर्माण कराता शिक्षक।
सफलता का मार्ग दिखा दे,
हमको सदमार्ग पर चलना सिखा दे।
स्नेह की वर्षा बरसाता चले,
शिखा शिक्षक के कदमों में पले।
संस्कारों और संस्कृति से कराए परिचित,
उम्मीद की किरणों से न रखता अपरिचित।
कच्ची माटी को गढ़कर निर्माण करें,
शिक्षक बाद मात-पिता के सबसे ज्यादा प्यार करें।
किताबी शिक्षा से अज्ञानता दूर कराता,
शिक्षक जीवन का सही मतलब समझाता।
कर्मठता, निष्ठता, अध्ययनता, सृजनकर्ता,
शिक्षक है पालनकर्ता, निर्माणकर्ता और दाता।
गुरु और गुरु के गुरुओं को मेरा प्रणाम,
करती मैं अब शिक्षक का सदैव सम्मान।।
#दैनिक प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Ajay Tiwari
06-Sep-2022 05:58 PM
Nice
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Abhinav ji
06-Sep-2022 07:07 AM
Very nice👍
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Raziya bano
05-Sep-2022 08:18 PM
शानदार
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